Didi E-Rickshaw Scheme in Chhattisgarhछत्तीसगढ़ की दीदी ई-रिक्शा योजना से बदल गई भुनेश्वरी की दुनिया

रायपुर। Didi E-Rickshaw Scheme in Chhattisgarh: डबल इंजन की सरकार कैसे बदलाव लाती हैं इसका उदाहरण रायपुर के मोवा में रहने वाली भुनेश्वरी साहू के जीवन में देख सकते हैं। उनके जीवन में किस तरह से बदलाव आया इसकी पृष्ठभूमि पहले हमें देखनी होगी। कभी देश भर में सामान्य रिक्शे चला करते थे जिसे चलाने में कड़ी मेहनत लगती थी और महिलाएं इस क्षेत्र में नहीं आ पाती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ई-रिक्शा को प्रोत्साहित किया। यह प्रदूषण मुक्त और सस्ता साधन है जिससे आज महिलाओं के जीवन में भी बड़ा बदलाव आया है।

लोगों को भरपूर सब्सिडी मिली और बैंक लिंकेज का लाभ मिला। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने श्रम विभाग की योजनाओं से इसे जोड़ दिया और यह सोने पर सुहागा साबित हुआ। आज भुनेश्वरी की जिंदगी भी विकास की तेज रफ्तार के साथ बढ़ रही है। रायपुर के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली भुनेश्वरी साहू कभी रोजी-मजदूरी कर अपने परिवार के खर्चा में अपना योगदान देती थीं। सीमित आय और कठिन परिस्थितियों में जीवन जीते हुए भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनके अंदर आत्मनिर्भर बनने की इच्छा थी, जिसे उन्होंने कभी खत्म होने नहीं दिया। आज भुनेश्वरी साहू अपने आत्मविश्वास, मेहनत और छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से समाज में एक सशक्त महिला के रूप में सामने आई। अब वे अपने पैरों पर खड़ी हैं और दूसरों के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं।

एक लाख रुपए की सब्सिडी

लगभग डेढ़ साल पहले उन्होंने ‘दीदी ई-रिक्शा योजना’ के तहत एक ई-रिक्शा खरीदी और उसे ही अपनी आजीविका का साधन बना लिया। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा पंजीकृत महिला श्रमिकों को ई-रिक्शा खरीदने पर 1 लाख रूपए की सब्सिडी प्रदान की जाती है। ने इस योजना का लाभ उठाते हुए न केवल अपना स्वरोजगार स्थापित किया, बल्कि अपनी मेहनत से यह सिद्ध कर दिखाया कि अगर अवसर मिले और हौसला हो, तो कोई भी महिला आत्मनिर्भर बन सकती है और किसी भी मुकाम को हासिल कर सकती है।

प्रतिदिन 6 से 8 घंटे ई-रिक्शा चलाती हैं भुनेश्वरी
वर्तमान में साहू प्रतिदिन 6 से 8 घंटे ई-रिक्शा चलाती हैं और उसी से प्राप्त आय से अपने घर का खर्च चलाने के साथ-साथ अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं। वे नियमित रूप से ईएमआई चुका रही हैं और भविष्य में अपने व्यवसाय के विस्तार का सपना देख रही हैं। उनका मानना है कि स्वरोजगार केवल आय का स्रोत नहीं होता, बल्कि यह आत्मसम्मान और आत्मविश्वास का प्रतीक होता है।

मुश्किल से चलता था घर, अब दौड़ रही गाड़ी
भुनेश्वरी साहू कहती हैं, पहले मैं एक श्रमिक के रूप में काम करती थी और मुश्किल से घर चलाती थी। लेकिन मेरा सपना था कि मैं कुछ अपना करूं, जिससे न केवल मेरा बल्कि मेरे बच्चों का भविष्य भी सुरक्षित हो सके। जब मैंने छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीयन कराया, तब मुझे श्रम विभाग से जानकारी मिली कि सरकार महिलाओं के लिए स्वरोजगार की योजनाएं चला रही है। जब मैंने दीदी ई-रिक्शा योजना के बारे में जाना, तो मुझे लगा कि यही मौका है। मैंने साहस किया, आवेदन किया और आज परिणाम मेरे सामने है।

May 2, 2025 #Bhuneshwari, #Bhuneshwari Sahu, #Bhuneshwari Sahu Success story, #CG government, #CG news, #chhattisgarh, #Chhattisgarh Didi E-Rickshaw Scheme, #Chhattisgarh government, #Chhattisgarh news, #CM Vishnudeo Sai, #Didi E-Rickshaw Scheme in Chhattisgarh, #Hindi news in CG, #Hindi news in Chhattisgarh, #Hindi news in Raipur, #raipur news, #Raipur woman, #Raipur woman Bhuneshwari CG Raipur woman