रायपुर। CG Politics: Bhupesh Baghel taunts on BJP: नेशनल हेराल्ड केस को लेकर देश-प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है। इस मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर लिखा कि ‘उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है
हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है।
सत्ता के शीर्ष पर बैठे दोनों को लगता है कि वो किसी भी तरह से न्याय, हक़ और अधिकार के लिए उठती आवाज को ख़ामोश कर देंगे, तो यह ग़लतफ़हमी है।
गुजरात में हुए अधिवेशन और उसके बाद ही गुजरात में संगठन नवनिर्माण के लिए प्रस्तावित नेता विपक्ष राहुल गांधी जी के दौरे की सूचना से यह अंदाज़ा तो हमें था ही कि दोनों डर से कुछ तो करेंगे।
दोनों का यही डर कल ED द्वारा दायर चार्जशीट में भी दिखाई दिया है।
पूरा देश जानता है कि गांधी परिवार ने कुछ भी गलत नहीं किया है। देश के लिए अपनी संपत्ति दान की और अपने प्राण तक न्यौछावर कर देने वाले परिवार के विरुद्ध यह षड्यंत्र घिनौना है।
देश जवाब देगा… 2024 तो सिर्फ़ झांकी थी।
@INCIndia
उन्हें ये फ़िक्र है हर दम नई तर्ज़-ए-जफ़ा क्या है
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 16, 2025
हमें ये शौक़ है देखें सितम की इंतिहा क्या है
सत्ता के शीर्ष पर बैठे दोनों को लगता है कि वो किसी भी तरह से न्याय, हक़ और अधिकार के लिए उठती आवाज को ख़ामोश कर देंगे, तो यह ग़लतफ़हमी है.
गुजरात में हुए अधिवेशन और उसके बाद ही गुजरात…
यहां जानें क्या है नेशनल हेराल्ड केस
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने साल 2012 में दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी। इसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस के दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीज, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे पर घाटे में चल रहे नेशनल हेराल्ड अखबार को धोखाधड़ी और पैसों की हेराफेरी के जरिए हड़पने का आरोप लगाया था। इसके मुताबिक, कांग्रेसी नेताओं ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों पर कब्जे के लिए यंग इंडियन लिमिटेड ऑर्गेनाइजेशन बनाया और उसके जरिए नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करने वाली एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड का अवैध अधिग्रहण कर लिया। स्वामी का आरोप था कि ऐसा दिल्ली के बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपए की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया था। उन्होंने सोनिया गांधी, राहुल गांधी सहित केस से जुड़े कांग्रेस के सीनियर नेताओं के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग की थी। इसके बाद जून 2014 ने कोर्ट ने सोनिया, राहुल समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया। अगस्त 2014 में इस मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया। दिसंबर 2015 में दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने सोनिया, राहुल सहित सभी आरोपियों को जमानत दे दी।