Chaitra Navratri 2025: पूरे देश में आज से नौ दिन तक चैत्र नवरात्रि की धूम रहेगी। लोग देवी मंदिरों में माता रानी की पूजा अर्चना करेंगे। उनसे सुख, शांति और समृद्धि के लिए कामना करेंगे। ऐसे में आज रविवार चैत्र नवरात्रि के पहले दिन देवी मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। पहले दिन लोगों ने मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना की। मां शैलपुत्री को देवी दुर्गा का प्रथम रूप माना जाता है।
नवरात्रि में लोग मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान घरों में मां की पूजा अर्चना, कलश स्थापना और व्रत का पालन किया जाता है।
कौन हैं मां शैलपुत्री?
पर्वतराज हिमालय की कन्या होने की वजह इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है। पौराणिक के मुताबिक अपने पूर्व जन्म में ये सती के रूप में जानी जाती थीं और भगवान शिव की अर्धांगिनी थीं। उनके पिता दक्ष प्रजापति ने भगवान शिव का अपमान किया, जिससे दुखी होकर सती ने स्वयं को यज्ञ की अग्नि में समाहित कर दिया। फिर वो अगले जन्म में मां शैलपुत्री के रूप में अवतरित हुईं। इस जन्म में भगवान शिव से विवाह रचाया। मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन के समस्त संकट, क्लेश और नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है। पान के एक पत्ते पर लौंग सुपारी मिश्री रखकर मां शैलपुत्री को अर्पण करने से आपके जीवन की हर इच्छा पूर्ण हो सकती है।

यहां जानें पूजन विधि
माता रानी के पूजा के कई नियम है पर सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें। फिर लाल वस्त्र धारण करें। घी का एक मुखी दीपक माता के समक्ष जलाएं और मां शैलपुत्री को लाल या सफेद फूल-फल अर्पित करें। साथ ही, मां को गाय के दूध का शुद्ध घी अर्पित करें। देवी के मंत्र ‘ऊं दुं दुर्गाय नम:’ का जाप करें। दुर्गा सप्तशती पाठ भी कर सकते हैं। जाप करने के बाद लौंग को कलावे से बांधकर माला बना लें। अपनी मन्नत मांगते हुए लौंग की माला मां शैलपुत्री को दोनों हाथों से अर्पण कर दें। ऐसा करने से आपको सफलता मिलेगी। पारिवारिक कलेश खत्म होंगे।
ये है शुभ मुहूर्त
इस बार चैत्र नवरात्र 30 मार्च से 6 अप्रैल तक मनाया जाएंगा। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:13 बजे से 10:22 बजे तक रहेगा। इसके अलावा घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त दिन के 12:01 बजे से 12:50 बजे तक रहेगा।